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5 कारण मर्दों को खाना बनाना क्यों सीखना चाहिए?
बैल कोल्हू ने अपने #रसोड़े_में_मर्द_है अभियान के माध्यम से मर्दों के रसोड़े में हाथ बटाने की पहल की है। क्योंकि हमारे घरों में सब्जी काटने, खाना बनाने और खाना परोसने जैसे काम अधिकतर महिलाएं ही करती हैं।
खाना बनाना एक आवश्यक लाइफ स्किल है जो हर व्यक्ति के पास होना चाहिए। हालाँकि, इस काम को हमारे घरों में अक्सर महिलाओं के लिए आरक्षित कार्य के रूप में देखा जाता है। लेकिन, पुरुषों को खाना पकाने के आनंद और लाभों से क्यों वंचित रहना चाहिए? इस ब्लॉग पोस्ट में हम 5 कारणों को जानेंगे आखिर क्यों पुरुषों को खाना बनाना सीखना चाहिए?
1- खाना बनाएं, जेंटलमैन कहलाएं
अगर आप खाना भी बना लेते हैं तो आप एक कम्पलीट जेंटलमैन कहलायेंगे। यदि आप खाना बनाने में अपने प्रियजनों का हाथ बटाते हैं तो इससे यह पता लगता है कि आप उनकी परवाह करते हैं। इसके अलावा कुकिंग परिवार और दोस्तों के साथ रिश्ता मज़बूत करने का एक शानदार तरीका है।
2- घर में बने खाने जैसा स्वाद कहीं नहीं!
घर में खाना बनाने के कई फायदे होते हैं। सबसे पहले, यह बाहर खाने से कहीं ज्यादा स्वस्थ है। इंग्रेडिएंट्स पर आपका पूरा नियंत्रण है और आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप जो खाना खा रहे हैं वह पौष्टिक और स्वस्थ है। दूसरा, यह बाहर के खाने की तुलना में अच्छा और सस्ता पड़ता है। घर पर खाने से आप काफी पैसा बचा सकते हैं।
3- रसोड़े में अपनी क्रिएटिविटी दिखाएं
खाना बनाना पुरुषों के लिए अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का एक शानदार तरीका है। रसोई एक ऐसी जगह है जहाँ आप विभिन्न स्वादों और सामग्रियों के साथ प्रयोग कर सकते हैं, और अपने मनपसंद अनूठे व्यंजन बना सकते हैं। सबको अपनी कुकिंग स्किल्स से इम्प्रेस कर ढेर सारा प्यार बटोर सकते हैं।
4- बड़े बदलाव का नेतृत्व करे
कुकिंग- खुद को चुनौती देने और अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने का एक शानदार तरीका है। वर्षों से चली आ रही स्टीरियोटाइप कि “महिलाएं ही रसोड़े का काम करेंगी, मर्दों को यह शोभा नहीं देता” इस सोच को बदलकर समाज में समानता भी ला सकते हैं।
5- कुकिंग लाइफ सेविंग स्किल
मान लीजिये आपको खाना बनाना नहीं आता और आपको पढ़ाई या नौकरी के लिए घर से दूर किसी शहर या राज्य में रहना है तो क्या करेंगे? कितने दिन बाहर का खाना खायेंगे? बाहर से खाना मंगवाना आसान तो हो सकता है लेकिन आपकी सेहत के लिए सही नहीं। और खाना आपके पसंद का नहीं मिले तो? इसीलिए सभी को खाना बनाना आना चाहिए। किसी दूसरे के लिए न सही, कम से कम अपने लिए ही सही।
बैल कोल्हू कच्ची घानी सरसों का तेल
देश के लाखों घरों का पसंदीदा सरसों तेल ब्रांड बैल कोल्हू ने "रसोड़े में मर्द है" अभियान की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य रसोई में चली आ रही असमानता की खाई को पाटना है। साथ ही यह खाना पकाने के स्किल को बढ़ावा देता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
अंत में सिर्फ इतना कहना है कि खाना बनाना केवल महिलाओं का काम नहीं है। पुरुषों को भी खाना बनाना सीखना चाहिए। आज के समय में जब महिलाएं घर से बाहर निकल जॉब कर रही है, घर की बाकी ज़िम्मेदारियाँ उठा रही हैं तो क्या मर्द रसोड़े का काम नहीं कर सकते ? इस पर विचार ज़रूर करना।
अब मर्द भी रसोड़े में हाथ बटाये, रसोड़े की ज़िम्मेदारी उठाये।